भारत का संविधान
संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे। जवाहरलाल नेहरू, डॉ भीमराव अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। इस संविधान सभा ने 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन में कुल 114 दिन बहस की। संविधान सभा में कुल 12 अधिवेशन किए तथा अंतिम दिन 284 सदस्यों ने इस पर हस्ताक्षर किया और संविधान बनने में 166 दिन बैठक की गई इसकी बैठकों में प्रेस और जनता को भाग लेने की स्वतन्त्रता थी।
#भारत का संविधान
भारत के संविधान के निर्माण में संविधान सभा के सभी 389 सदस्यो ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई,26 नवम्बर 1949 को सविधान सभा ने पारित कियाऔर इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था।इस सविधान में सर्वाधिक प्रभाव भारत शासन अधिनियम 1935 का है। इस में लगभग 250 अनुच्छेद इस अधिनियम से लिये गए हैं।
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The constitution of India
The members of the Constituent Assembly were elected by the elected members of the State Assemblies of India. Jawaharlal Nehru, Dr. Bhimrao Ambedkar, Dr. Rajendra Prasad, Sardar Vallabhbhai Patel, Maulana Abul Kalam Azad, etc. were the prominent members of this assembly. This Constituent Assembly debated for a total of 114 days in 2 years, 11 months, 18 days. A total of 12 sessions were held in the Constituent Assembly and on the last day 284 members signed it and the constitution was held for 166 days, the press and the public had the freedom to participate in its meetings.
#constitution of India
All 389 members of the Constituent Assembly played an important role in the formation of the Constitution of India, it was passed by the Constituent Assembly on 26 November 1949 and it was implemented on 26 January 1950. The Government of India Act 1935 has the most influence in this constitution. In this, about 250 articles have been taken from this Act.
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